जालंधर, 7 फरवरी-शिक्षा के लिहाज से पिछले जिलों के बच्चों को शिक्षित करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से शुरू किए गए राष्ट्रीय उच्चतम शिक्षा अभियान में पंजाब के 12 जिलों को शामिल किया गया। ये विचार जालंधर से लोकसभा सदस्य सुशील कुमार रिंकू ने व्यक्त किए, जिन्होंने देश भर में शिक्षा के लिहाज से पिछड़े जिलों के बच्चों को शिक्षित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों के बारे में संसद में सवाल पूछा था।उनके जवाब में बताया गया है कि जून 2023 को यह योजना शुरू की गई है, जो कि 2025-26 तक जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के बाकी जिलों को भी इस योजना में शामिल किया जाना चाहिए ताकि हर बच्चे तक इस अभियान का लाभ पहुंच सके और वे भी शिक्षित हो सकें। रिंकू ने संसद में पूछा था कि शिक्षा के लिहाज से पिछड़े जिलों को शिक्षा मुहैया करवाने के लिए सरकार की तरफ से क्या कदम उठाए जा रहे हैं। इसके अलावा देशभर में किन-किन जिलों की पहचान शिक्षा के लिहाज से पिछड़े जिलों के रूप में हुई हैं। इसके जवाब में सरकार ने संसद में बताया कि पंजाब के 12 जिलों अमृतसर, बरनाला, बठिंडा, फरीदकोट, होशियारपुर, जालंधर, लुधियाना, मानसा, मोगा, पटियाला, रूपनगर, संगरूर को इस मुहिम में शामिल किया गया है। देशभर में इस अभियान के तहत दो साल में 12926 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे ताकि सभी तक अच्छी शिक्षा का लाभ पहुंच सके। यह अभियान बच्चों को हाई क्वालिटी की उच्च शिक्षा मुहैया करवाने से संबंधित है, जिसके तहत कॉलेजों के एजुकेशन सिस्टम को मजबूत करने के लिए ये ग्रांट खर्ची जाएगी।
रिंकू ने कहा कि इस संदर्भ में कड़े कदम उठाने की जरूरत है ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चों तक अच्छी उच्च शिक्षा पहुंच सके और वे भी अपनी जिंदगी में कामयाब बन सकें।