शिव राम कला मंच द्वारा राम लीला का आयोजन पशु योनि ही अच्छी थी पर न मात कैकयी होती,भरत का रुदन देख कर सारा पंडाल रो पड़ा

जालंधर, 06 अक्टूबर (विष्णु) शिव राम कला मंच श्री रामलीला कमेटी मॉडल हाउस द्वारा जारी रामलीला के चौथे दिन भरत मिलाप दृश्य प्रस्तुत किये गए। भरत (दीप अरोड़ा)) ओर शत्रुघ्न ( शिवम कालिया)  अपने ननिहाल होते है उन्हें दूत (मीकुल शर्मा) द्वारा अयोध्या वापिस आने का संदेशा भिजवाया जाता है। अयोध्या वापसी पर वह देखते है कि कोई भी नर नारी उन्हें बुला नही रहा और सभी उन पर तंज कस रहे हैं। उन्हें आभास  होता की अयोध्या में जरूर कुछ अनर्थ हुए है। वह जल्दी से भाग कर मात कैकई (यशिका ) के पास जाते है यहां दोनों के बीच काफी वीरतान्त होता है और जब आखिर कैकई भारत को कहती है कि महाराजा दशरथ परलोक सिधार गये है ओर राम व लक्ष्मण वनों में चले गए है तो भरत का रो रो कर बुरा हाल होता है। भरत अपनी सेना व तीनो मातायों के साथ जंगल मे राम ( कार्तिक) , लक्ष्मण (अमनदीप हैरी ) व सीता को वापिस लाने जाते है पर राम यह कह के वापस आने से मना कर देते है कि उन्होंने पिता जी आज्ञा को पूरा करना है।  बहुत वार्तालाप के बाद भरत (दीप अरोड़ा) श्री राम (कार्तिक) की खड़ाओ लेकर वापिस अयोध्या लोट आते है। बहुत ही मार्मिक दृश्य प्रधान रजनीश कुमार व डायरेक्टर निर्दोष कुमार की देखरेख में प्रस्तुत किये गए। भरत का रुदन देख कर सारा पंडाल रो पड़ा । नाइट का शुभारंभ स नवदीप सिंह बेदी समाज सेवक ने किया। इस अवसर पर श्री बेदी ने लोगों को आपसी भाईचारा व प्यार के साथ रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि जो लोग रामायण पड़ते या सुनते है प्रभु उनकी हर इच्छा पूरी करते है। इस शुभ अवसर पर चेयरमैन हरजीवन गोगना, वाइस चेयरमैन कृष्ण लाल, प्रधान रजनीश कुमार, डायरेक्टर निर्दोश कुमार, सीनियर उपाध्यक्ष सतनाम अरोड़ा, महासचिव कुलविंद्र सिंह हीरा, सहायक डायरेक्टर अमनदीप हैरी, उपाध्यक्ष धीरज सहगल, मंच संचालक प्रियव्रत शास्त्री, विशाल भल्ला, अशोक जोंद्रा, संयुक्त सचिव शिवम कालिया,सचित शर्मा, मिकुल शर्मा, दीप अरोड़ा, युवराज, यशिका, रूहानी, राधिका, ममता,  यशिका भगत, पोडियम, हनी, वतन, कविश,मनी सोनी, हिमांशु, शुभम हाज़िर थे।

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