जालंधर: आराध्या इंटरप्राइसेज ट्रैवल एजेंसी पर नकली वीजा देने व लाखों की धोखाधड़ी करने के आरोप लगे हैं। पीड़ित को जब इस धोखाधड़ी का पता लगा तो ट्रैवल एजेंसी के कर्मचारी उसे दफ्तर में बुलाकर ऑफिस को ताला लगा कर वहां से भाग गए।
पीड़ित गुरदीप सिंह ने बताया कि वह माछीवाडा का रहने वाला है जहां पर वह खेती-बाड़ी का काम करता है। 3 महीने पहले उसे फेसबुक के माध्यम से आराध्या इंटरप्राइसेज ट्रैवल एजेंसी जालंधर के बारे में पता चला। जिसके बाद उसने मलेशिया जाने के लिए ट्रैवल एजेंसी के माध्यम से वीजा अप्लाई किया। मलेशिया का वीजा अप्लाई करने के लिए उसने ट्रैवल एजेंसी को डेढ़ लाख रुपए नगद दिए थे। जिसके बाद ट्रैवल एजेंसी ने उसे एक वीजा दे दिया।
— वीजा ऑनलाइन चैक करने के बाद फ्राउड का लगा पता
22 दिसंबर को मलेशिया जाने के लिए उसकी फ्लाइट है। जिससे पहले जब गुरदीप ने 27 नवंबर को अपने वीजा को ऑनलाइन चेक किया तो उसे पता चला कि वह वीजा नकली है। इस बारे में उसने जब ट्रैवल एजेंसी में काम करने वाले थापा नामक व्यक्ति से बात की तो उसने गुरदीप के रूपए वापस देने की बात कह कर 5 दिसंबर को ऑफिस बुलाया।
— ऑफिस के बाहर लगे एजेंसी के नाम व बैनर को हटाया
आज जब ट्रैवल एजेंसी के दफ्तर आने से पहले गुरदीप ने थापा नामक व्यक्ति से बात की तो पहले उसने 50 हज़ार देने की बात कही। जिसके बाद उसने सारे पैसे देने से साफ इंकार कर दिया। गुरदीप जब अपनी माता के साथ जालंधर ट्रैवल एजेंसी के दफ्तर आया तो ट्रैवल एजेंसी में काम करने वाले सभी कर्मचारी ऑफिस को ताला लगाकर वहां से भाग गए। इसके साथ ही उन्होंने ऑफिस के बाहर लगे ट्रैवल एजेंसी के नाम व बैनर को भी वहां से हटा दिया। गुरदीप ने कहा कि वह इस बारे में संबंधित थाने में शिकायत करेंगे।