“मैं तो आई वृंदावन धाम किशोरी तेरी अंगना” में के भजन पर घूमते हुए दिखे श्रद्धालु, जीवन में सफलता हासिल करने के लिए अच्छी संगत का होना बहुत जरूरी है : जया किशोरी

जालंधर 12 फरवरी (विष्णु)श्री मद् भागवत गीता सभी शास्त्रों का सार है और गीता के माध्यम से जो भी व्यक्ति चलता है, उसके जीवन के अंदर बहुत बड़ा आत्मबल प्राप्त होता है और कलयुग में भागवत कथा के श्रवण मात्र से ही पापों से मुक्ति मिल जाती है। इसलिए हम सबको भागवत कथा सुनने का सौभाग्य कभी गवाना नहीं चाहिए।उक्त विचार श्री कष्ट निवारण बालाजी सेवा परिवार के द्वारा साई दास स्कूल की ग्राउंड में हो रही सात दिवसीय    श्रीमद् भागवत कथा के पहले दिन अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक जया किशोरी ने कहे।उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता हासिल करने के लिए अच्छी संगत का होना बहुत जरूरी है।श्रीमद् भागवत कथा के पहले दिन उन्होंने संगत को बेहतर बनाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि गीता सभी शास्त्रों का सार है और गीता के माध्यम से जो भी व्यक्ति चलता है, उसे जीवन के अंदर बहुत बड़ा आत्मबल प्राप्त होता है।उन्होंने कहा कि कलयुग में भागवत कथा के श्रवण मात्र से ही पापों से मुक्ति मिल जाती है। इसलिए भागवत कथा सुनने का सौभाग्य कभी गवाना नहीं चाहिए।
कथा के पहले दिन (सीएम) भगवंत मान की बहन मनप्रीत कौर व विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवा, दैनिक सवेरा के मुख्य संपादक शीतल विज व संस्था के संचालक विधायक रमन अरोड़ा, आप के वरिष्ठ नेता राजू मदान, वरिष्ठ आढ़ती व समाजसेवक महेश मखीजा, धार्मिक नेता राहुल बाहरी ने संयुक्त रूप से ज्योति प्रज्ज्वलित की। कथा से पहले जैसे ही जया किशोरी श्रीमद् भागवत कथा के लिए सजाए गए मंच पर पहुंचीं तो खचाखच भरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
उन्होंने श्रीमद् भागवत कथा की महातम के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया। इसके बाद उन्होंने कथा को आगे बढ़ते हुए कलयुग में श्रीमद् भागवत कथा को सुनने से पापों से मुक्ति मिलती है, और कथा श्रमण से मनुष्य के शरीर में नई उर्जा का संचार होता है और अभिमान भी दूर होता है।इस दौरान श्रीमद् भागवत कथा के उपलक्ष्य पर कलश यात्रा श्री दुर्गा मंदिर, करार खान मोहल्ला से आरम्भ होकर सांईदास स्कूल पटेल चौंक पर बड़ी श्रद्धापूर्वक आई।जिसकाे लेकर आज विधायक रमन अरोड़ा ने अपनी पत्नी सहित व राजू मदान अपनी पत्नी सहित श्रीमद् भागवत गीता की पोथी को शिरोधारण कर आयोजन स्थल पर स्थापित पहुँची।इस मौके श्रीमद् भागवत गीता का स्वस्ति वाचन के मंत्रोच्चार के साथ विधिवत पूजन किया गया और आरती भी की गई।कथावाचक जया किशोरी जी ने कहा कि जीवन में क्रोध कभी नहीं करना चाहिए कारण है कि क्रोध करने से व्यक्ति की सोचने-समझने की शक्ति खत्म हो जाती है। जीवन में जब भी क्रोध आए तो जोर-जोर से राधे राधे नाम का उच्चारण करे। राधे राधे नाम के उच्चारण करने से क्रोध कम हो जाता है।श्रीमद् भागवत कथा सुनने से जीवन में सुख व शांति का अनुभव होता है। श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करने का अवसर बड़े ही सौभाग्य से प्राप्त होता है। कथा के बीच जया किशोरी जी ने भजनों के माध्यम से खूब भक्ति रस बरसाया, जिससे पंडाल में लोग मस्ती से झूमने लगे।इस अवसर पर महेश मखीजा, राहुल बाहरी, राजू मखीजा, राजू मदान, दविंदर वर्मा, अरुण आनंद, शिवम मखीजा, गीता अरोड़ा, राधा मदान, साक्षी अरोड़ा, बॉबी मखीजा, दीपिका बाहरी, नीरू महेन्द्रू, ममता मखीजा, रमेश अरोड़ा, राज अरोड़ा, ऊर्जा मदान, इत्यादि भगत जन उपस्थित रहे।

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