जालंधर। अरोड़ा नर्सिंग होम के डॉ. सतीश अरोड़ा पर लगे गलत स्कैनिंग के आरोपों की जांच सिविल सर्जन कार्यालय में होगी। जालंधर के सिविल सर्जन डॉ. रमन शर्मा इस मामले की पूरी जांच करेंगे और कमेटी का गठन कर सच को सामने लेकर आएंगे। सिविल सर्जन ने कहा कि डॉ. सतीश अरोड़ा को जांच के लिए बुधवार को कार्यालय बुलाया गया था, लेकिन जिले के देहात क्षेत्र में आई बाढ़ के कारण इस मामले की जांच नहीं हो सकी। कार्यालय के अधिकारी बाढ़ क्षेत्र में वैक्सीनेशन में व्यस्त होने के चलते बुधवार को इस मामले की जांच नहीं कर पाए। वहीं डॉ. सतीश अरोड़ा भी जांच में शामिल नहीं हुए थे। उन्होंने कहा कि आने वाले दो-चार दिनों तक मामले की जांच शुरू की जाएगी। सिविल सर्जन डॉ. रमन शर्मा ने कहा कि इस मामले की प्रमुखता के साथ जांच की जाएगी। अगर जांच में डॉक्टर दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी। बता दें गन्ना पिंड के रहने वाले रामजी दास ने आरोप लगाए थे कि फिल्लौर के मशहूर अरोड़ा नर्सिंग होम के डॉ. सतीश अरोड़ा ने उसकी पत्नी रीटा के गुर्दे में 6.2 एमएम की पथरी बताई और उसे ऑपरेशन करवाने के लिए डराया था। जबकि अन्य तीन स्कैनिंग सेंटरों से करवाई गई स्कैंनिंग रिपोर्ट में मामूली सोजिश बताई गई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि डाक्टर ने जानबूझ कर उन्हें गलत रिपोर्ट बनाकर दी और ऑपरेशन का डर दिखाकर पैसे वसूलने का काम किया था। उन्होंने कहा था कि डॉ. सतीश अरोड़ा डॉक्टरों के पवित्र पेशे को बदनाम करने पर लगा हुआ है, इसलिए पंजाब सरकार, जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को इसके खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी चाहिए। इस संबंध में रामजी दास ने पुलिस प्रशासन को शिकायत दर्ज करवाई थी और मुख्यमंत्री, पुलिस प्रशासन तथा सेहत विभाग को डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। वहीं अरोड़ा नर्सिंग होम के डॉ. सतीश अरोड़ा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया था।
डॉ. सतीश अरोड़ा ने पुलिस को दर्ज करवाए बियानः-
फिल्लौर थाने के एसएचओ हरजिंदर सिंह ने कहा कि डॉ. सतीश अरोड़ा जांच के लिए बुधवार को थाने बुलाया गया। डॉ. अरोड़ा ने अपने बयान दर्ज करवा दिए हैं और पुलिस मामले संबंधी अगली कार्रवाई कर रही है। वहीं शिकायतकर्ता के बयान भी दर्ज कर लिए गए हैं।