बैंक से 25 लाख रुपए का कर्ज लेकर फ्रॉड करने वाला भगौड़ा दोषी विजीलैंस ब्यूरो द्वारा काबू,अब तक 6 दोषी गिरफ़्तार

चंडीगढ़, 18 जनवरी:-पंजाब विजीलैंस ब्यूरो द्वारा पंजाब ग्रामीण बैंक, ब्रांच जगतपुर जट्टां, फगवाड़ा, जि़ला कपूरथला में हुए फ्रॉड के सम्बन्ध में भगौड़े चले आ रहे मुलजिम शरनजीत सिंह निवासी गाँव चक्क हकीम, फगवाड़ा, हाल निवासी बस्सी बलदाद, होशियारपुर को जाली दस्तावेज़ों के आधार पर मिलीभुगत से 25,00,000 रुपए का कर्ज मंजूर करवा कर बैंक से धोखाधड़ी करने के दोष अधीन आज गिरफ़्तार कर लिया है जोकि पिछले 3 साल 4 महीने से भगौड़ा चला आ रहा था।
 इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने बताया कि उक्त धोखाधड़ी के विरुद्ध विजीलैंस एन्क्वायरी नंबर 10/2017 जि़ला जालंधर की पड़ताल पर मुकदमा नंबर 11 तारीख़ 31-08-2020 को आइपीसी की धाराएं 409, 420, 467, 468, 471, 120-बी और भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम की धारा 13 (1) (ए) (2) के अंतर्गत विजीलैंस ब्यूरो के थाना जालंधर में दर्ज किया हुआ है। उन्होंने बताया कि उक्त मुलजिम ने यह कर्ज बैंक मैनेजर हरभजन सिंह कपूर और बैक पैनल के वैलूयर सतीश कुमार शर्मा की मिलीभुगत से मंज़ूर करवाया था।
 उन्होंने बताया कि कि उपरोक्त मुकदमे में कुल 16 दोषी शामिल हैं, जिनमें से छह दोषियों – राज कुमार निवासी ठठियाला मोहल्ला, फगवाड़ा, वैलूयर सतीश कुमार शर्मा, सुभाष कुमार निवासी महन्दवानी, जि़ला होशियारपुर, अवतार सिंह निवासी आशा पार्क कॉलोनी, फगवाड़ा, पंकज निवासी मोहल्ला रतनपुरा, फगवाड़ा, राजेश कुमार निवासी मोहल्ला रतनपुरा, फगवाड़ा और सतीश झा निवासी गाँव चक्क हकीम, फगवाड़ा को पहले ही गिरफ़्तार किया जा चुका है। बाकी रहते दोषियों की गिरफ़्तारी के लिए विजीलैंस ब्यूरो द्वारा खोज की जा रही है जिनको जल्द ही गिरफ़्तार कर लिया जायेगा।
 इस केस के अधिक विवरण देते हुए उन्होंने बताया कि विजीलैंस द्वारा पड़ताल के दौरान पाया गया कि गाँव चक्क हकीम के कुल क्षेत्रफल 35 कनाल 03 मरले में भाई घनैया एन्कलेव नामी रिहायशी कॉलोनी बनी हुई है। इस कॉलोनी के उक्त खसरा नंबरों के क्षेत्रफल में से सुखविन्दर कौर अटवाल और मनिन्दर कौर अटवाल की 8 कनाल 15 मरले की हिस्सा बराबर मालकी थी जिन्होंने अपनी ज़मीन की देखभाल और खऱीद-फऱोख़्त के लिए गुरचरन सिंह अटवाल निवासी गाँव अनोखवाल को दो अलग-अलग दस्तावेज़ों के द्वारा मुखत्यारे आम मुकर्रर किया हुआ था जिस ने आगे राज कुमार निवासी ठठेरा मोहल्ला, फगवाड़ा को मुखत्यारे ख़ास मुकर्रर कर दिया।उन्होंने बताया कि राज कुमार के बताने के अनुसार वह साल 2009-10 के दौरान उक्त अवतार सिंह फगवाड़ा के पास प्राईवेट तौर पर काम करता था तो यह दस्तावेज़ उसके मालिक अवतार सिंह ने साथ साजबाज होकर उसके नाम रजिस्टर्ड करवाया था। गुरचरन सिंह का अवतार सिंह जानकार भी था। गाँव चक्क हकीम में भाई घनैया एनक्लेव कालोनी का करीब 101 मरले क्षेत्रफल अलग-अलग प्लॉटों के रूप में बिक्री हो जाने के बाद करीब- करीब 74 मरले क्षेत्रफल, जो सडक़ें और गलियों का बकाया बच गया उसकी मालकी राजस्व रिकॉर्ड की जमाबन्दी में असली मालिकों के नाम पर ही चल रही थी।
 राज कुमार ( मुखत्यारे ख़ास) और इसके मालिक अवतार सिंह ने फ्रॉड करने की नियत से राजस्व विभाग से फ़र्द जमाबन्दी निकलवा कर गाँव चक्क हकीम की भाई घनैया एनक्लेव कालोनी की सडक़ों वाले बचते क्षेत्रफल (करीब 74 मरले) में से छोटे-छोटे प्लॉट बेचने सम्बन्धी राज कुमार ( मुखत्यारे ख़ास) ने अपने मालिक अवतार सिंह, प्रदीप कुमार, पंकज कुमार और अन्य जानकारी व्यक्तियों के नाम करारनामे लिख दिए जो बाद में इन व्यक्तियों ने अपने हक में लिखे हुए करारनामे उक्त पंजाब ग्रामीण बैंक में मैनेजर हरभजन सिंह कपूर को देकर बैंक के वैलूयर सतीश कुमार शर्मा की मिलीभुगत से नये मकानों के निर्माण सम्बन्धी बैंक से लाखों रुपए का कर्ज मंजूर करवा लिया, जब कि वास्तव में इस जगह कोई मकान ही नहीं था और न ही इन्होंने कहीं कोई मकान का निर्माण करवाया बल्कि इन्होंने गाँव चक्क हकीम में ही पड़ती अन्य कॉलोनियों में लोगों की कोठियों के आगे खड़े होकर फज़ऱ्ी तौर पर बैंक के नाम आड़ रहन करवा दीं।
 इस बारे में सभी फ्रॉड में बैंक मैनेजर हरभजन सिंह कपूर और वैलूयर सतीश कुमार शर्मा ने अपने पद का दुरुपयोग करके कर्ज लेने वाले व्यक्तियों का पूरा-पूरा साथ दिया, जिस कारण इन दोनों की कर्ज लेने वाले उक्त व्यक्तियों के साथ मिलीभुगत होने के कारण बैंक और सरकार को कुल रकम 3,40,71,000 रुपए का वित्तीय नुकसान होना साबित हुआ था।
 प्रवक्ता ने बताया कि इसी तरह उक्त मुलजिम शरनजीत सिंह द्वारा भी तारीख़ 29- 09- 2015 को एक साढ़े 5 मरले का फर्जी प्लॉट खरीदने के बाद इंतकाल मंजूर करवा कर मैनेजर हरभजन सिंह कपूर और वैलूयर सतीश कुमार शर्मा की मिलीभुगत से उक्त पंजाब ग्रामीण बैक से नये मकानों के निर्माण सम्बन्धी बैंक से 25,00,000 रुपए का कर्ज मंजूर करवा लिया गया, जब कि वास्तव में इसने कोई मकान का निर्माण ही नहीं करवाया था। उक्त दोष के आधार पर मुलजिम को गिरफ़्तार कर लिया है और कल समर्थ अदालत में पेश किया जायेगा।

Loading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *