

जालंधर 8 अप्रैल (विष्णु) नंदनपुर से नई सब्जी मंडी मकसूदां की ओर जाने वाली सड़क पर कुछ प्रोफेसरों द्वारा बनाई जा रही अवैध ‘दा नवयुग कॉलोनी’ के कॉलोनाइजर ने न्यू ज्वाला नगर, मकसूदां से नई कंक्रीट सड़क को तोड़ दिया, जमीन खोद दी और अवैध कॉलोनी में पानी का कनेक्शन दे दिया। जब इसकी जानकारी लोगों को मिली तो लोगों ने विरोध जताया और वार्ड 83 के पार्षद डॉ. गुरचरण सिंह भामरा ने मौके पर पहुंचकर कनेक्शन कटवाया और लोगों को शांत कराया। लोगों ने बताया कि तीन दिन से उनकी गली में नई कंक्रीट सड़क खोदी गई है और उन्हें बताया जा रहा है कि गली में खाली पड़े प्लाट के मालिक को अपने लिए कनेक्शन लेना है। लेकिन जब कनेक्शन लगा रहे कर्मचारियों ने बीच से सड़क काटकर और उस पाइप के बगल में एक मोटा पाइप डालकर अवैध कॉलोनी को जोड़ने की कोशिश की, तो पहले से ही पानी की कमी की समस्या से जूझ रहे लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। प्रदर्शन की सूचना मिलने पर वार्ड 83 के पार्षद डॉ. गुरचरण सिंह भामरा ने मौके पर पहुंचकर सारी जानकारी हासिल की तथा अवैध कनेक्शन को बंद करवाया, जिसके बाद लोगों का गुस्सा शांत हुआ। इस दौरान लोगों ने पार्षद डॉ. गुरचरण सिंह भामरा का आभार जताया। यह मांग उन लोगों द्वारा की गई थी जो गर्मी के मौसम में पानी की कमी की समस्या का सामना कर रहे हैं। इसलिए पानी उपलब्ध कराने का समय बढ़ाया जाना चाहिए। पार्षद डॉ. गुरचरण सिंह भामरा ने कहा कि वे इस समस्या से अवगत हैं, इसलिए उन्होंने इस क्षेत्र के लिए दो आईयूबीवेल पास की व्यवस्था पहले ही कर दी है, जो जल्द ही लगा दिए जाएंगे। जलापूर्ति विस्तार के बारे में उन्होंने कहा कि वे इस बारे में मेयर, एक्सईएन व एसडीओ को अवगत कराकर समाधान कराएंगे।
सेवानिवृत्त प्रोफेसर ने अपना नाम गलत बताते हुए दावा किया कि जिस कॉलोनी को उन्होंने काटा था, वह मान्यता प्राप्त है। प्रोफेसर ने बताया कि उन्होंने पानी के कनेक्शन के लिए नगर निगम में फीस जमा करा दी है। इसके बावजूद वह नगर निगम से कनेक्शन लेने के बजाय निजी व्यक्तियों से कनेक्शन ले रहे थे। मौके पर मौजूद पार्षद ने बताया कि चूंकि यह क्षेत्र सेना के विस्फोटक डिपो के काफी नजदीक है, इसलिए इस क्षेत्र में किसी कॉलोनी को मान्यता नहीं दी जा सकती। जब मीडिया ने बार-बार प्रोफेसर से उनका नाम पूछा तो प्रोफेसर ने बताया कि उनका नाम शाम लाल है। लेकिन लोगों का कहना था कि वह प्रोफेसर टैरेड के नाम से जाने जाते थे।

