जालंधर। कमिश्नरेट पुलिस जालंधर की ओर से आम लोगों, दलित-पिछड़े वर्गों की सुनवाई ना करने और खासतौर पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विरोधी रवैये के खिलाफ बसपा की ओर से 22 जुलाई को पुलिस कमिश्नर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा। बसपा की जालंधर लोकसभा की लीडरशिप की ओर से आज यहां पार्टी कार्यालय में की गई बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक में बसपा प्रदेश महासचिव एडवोकेट बलविंदर कुमार, प्रदेश महासचिव तीर्थ राजपुरा, जिला इंचार्ज सुखविंदर बिट्टू, जिला प्रधान जगदीश शेरपुरी, देवराज सुमन, सीनियर नेता जगदीश दीशा ने कहा कि कमिश्नरेट पुलिस की ओर से आम लोगों के लिए इंसाफ के दरवाजे बंद किए जा रहे हैं। खासतौर पर दलित-पिछड़े वर्गों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है और प्रशासन तक पहुंच करने में उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि कमिश्नरेट पुलिस ने इन्हें इंसाफ देने के मामले में पूरी तरह से आंखें बंद की हुई हैं। बसपा नेताओं ने कहा कि पुलिस की कार्यप्रणाली को देखकर इस तरह लगता है कि जैसे कुछ खास लोगों के काम करने तक ही पुलिस सीमित होकर रह गई है। पुलिस ने दो तरह के कानून बना रखे हैं, सत्ताधारी पक्ष के लिए और तथा विरोधी पक्ष के लिए और। जब विपक्ष का जायज काम भी नहीं करना होता तो उन्हें जानबूझ कर लटकाया जाता है और कई तरह की तकनीकी उलझनें खड़ी की जाती हैं।बसपा नेताओं ने यह भी कहा कि विदेश भेजने के नाम पर शहर में ही काफी लोगों के साथ ठगी हो रही है, लेकिन इस तरह के मामलों में भी लोगों को जल्द इंसाफ नहीं दिलाया जाता। पुलिस कमिश्नर को मिलना ही लोगों की पहुंच से दूर हो गया है और पुलिस कमिश्नर दफ्तर पहुंचने वाले आम लोगों को इंसाफ मिलना बहुत दूर की बात हो गई है। दफ्तर में इंसाफ के लिए पहुंचने वाले आम लोगों के हिस्से निराशा, परेशानी व धक्कों के अतिरिक्त और कुछ नहीं पड़ता। नशा व अन्य बुराइयों के मामले भी शहर में ज्यों के त्यों बने हुए हैं। इसके अलावा प्रशासन का रवैया बसपा विरोधी भी है। बसपा वर्करों से संबंधित मामलों को जानबूझ कर लंबित किया जाता है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
इन सभी मामलों के मद्देनजर बसपा की ओर से पुलिस कमिश्नर दफ्तर के बाहर 22 जुलाई को सुबह 10 बजे से प्रदर्शन करने का फैसला किया गया है। बैठक में बसपा नेेता मास्टर हरजिंदर कोटकलां, पाला कैंट, हरमेश खुरला किंगरा, मंगत सिंह मैंटी, मैडम सतनाम कौर, मनजीत सिधवां स्टेशन, रोशन लाल, दविंदर जक्खू, खुशी राम सरपंच, शादी लाल, कमल बादशाहपुर, हंसराज सिद्धू, अशोक सईपुरिया, राणा तलवण, रणजीत कुमार, बब्बू बाठ आदि भी मौजूद थे।