जालंधर :-एसजीपीसी की आंतरिक समिति के सदस्य भाई मलकीत सिंह के नेतृत्व में पंजाब के प्रमुख सिख बुद्धिजीवियों, विचारकों और अन्य प्रतिष्ठित हस्तियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सरदार इकबाल सिंह लालपुरा से मुलाकात की। इस मौके पर प्रतिनिधिमंडल ने चेयरमैन इकबाल सिंह लालपुरा से सिख समुदाय की सर्वोच्च संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रशासनिक ढांचे में आई गिरावट के कारण सिख संगत में रोष के बारे में चर्चा की। उन्होंने एसजीपीसी के कुछ कथित अधिकारियों और सदस्यों द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ाकर की गई कथित अनियमितताओं और घोटालों की लालपुरा से उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की। इस मौके पर नेताओं ने चेयरमैन लालपुरा को शिकायती पत्र सौंपा जिसमें उन्होंने कई मुद्दों पर प्रकाश डाला।उन्होंने कहा कि एसजीपीसी के कुछ शीर्ष अधिकारी एसजीपीसी सदस्यों और पदाधिकारियों के प्रभाव में बड़े पैमाने पर धांधली और घोटालों में लिप्त हैं। उन्होंने एक अदालती मामले का भी जिक्र किया, उन्होंने कहा कि तख्त श्री केसगढ़ साहिब में 70 लाख रुपये की कोठी 2.70 करोड़ रुपये में खरीदकर गुरु की गोलक को चूना लगाया गया था।
उन्होंने बताया कि श्री आनंदपुर साहिब की एसजीपीसी के अधीन एक प्रतिष्ठित स्कूल की प्रिंसिपल और उनके पति के पास से जहां कई साल पहले एक किलो अफीम भी जब्त की गई थी और कोर्ट ने आरोपियों को सजा सुनाई थी, वहीं बुद्धिजीवियों ने एसजीपीसी के अधिकारियों पर प्रिंसिपल को निलंबित या बर्खास्त करने के बजाय संरक्षण देने का भी आरोप लगाया और अब तक के वेतन की वसूली की भी मांग की।
इसी तरह, बुद्धिजीवियों ने एसजीपीसी सदस्य अमरजीत सिंह चावला के बारे में एक डीएसपी द्वारा दिए गए साक्षात्कार का विवरण दिया, जिसमें उक्त अधिकारी ने एसजीपीसी सदस्य को कथित ड्रग डीलर के रूप में वर्णित किया था। उन्होंने शिकायत पत्र में कहा कि एसजीपीसी सदस्य अमरजीत सिंह चावला श्री आनंदपुर साहिब में एसजीपीसी के अधीन एक कॉलेज में कैंटीन और नियमों को ताक पर रखकर कई अन्य काम कर रहे हैं, जबकि उक्त का बेटा लुधियाना के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में उच्च पद पर तैनात है और एसजीपीसी सदस्य नियमों के अनुसार इस संस्था के साथ कोई व्यवसाय नहीं कर सकता है। अधिनियम, 1925 के अनुसार, एक सदस्य अपने रक्त संबंध में किसी को एसजीपीसी में नौकरी भी नहीं दिला सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि उक्त सदस्य द्वारा तख्त साहिब में दो कमरे (कमरा नंबर 3 और 4) व्यक्तिगत उपयोग के लिए स्थायी रूप से रखे गए हैं। इनका किराया 24 घंटे के लिए 1000 रुपये है, 2011 से अब तक कुल 43 लाख 20 हजार रुपये, जिसे वसूलने की मांग भी नेताओं ने की।
उन्होंने कहा कि अमरजीत सिंह चावला 2011 से मैनेजर को दबा कर तख्त श्री केसगढ़ साहिब से अपने वाहन में डीजल डलवाने का दबाव बना रहा था और गाड़ी चलाने के लिए एसजीपीसी के एक कर्मचारी को पक्के तौर पर रखा था। उन्होंने यह भी बताया कि एसजीपीसी के अधीन गुरुद्वारा कीरतपुर साहिब बाबा गुरदिता जी में रात करीब 12:15 बजे ड्यूटी के दौरान नशे में धुत एक पाठी ने जगत जोत साहिब श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी पर उल्टी की थी, जब इस घटना को अमृतसर के फ्लाइंग स्टाफ के संज्ञान में लाया गया, जिन्होंने लगातार सात दिनों तक जांच की। मामले की जांच एसजीपीसी के कुलदीप सिंह रोडे, जतिंदर सिंह, पलविंदर सिंह ने की थी, जो नाकाफी है, मामले की जांच की मांग की।
इस पत्र द्वारा सिख नेताओं ने कई अन्य मुद्दों को उठाया और चेयरमैन इकबाल सिंह लालपुरा को केंद्र सरकार के अधीन अल्पसंख्यकों की सर्वोच्च संस्था का नेतृत्व करने के तहत इन घटनाओं सहित अन्य मुद्दों की केंद्रीय एजेंसियों द्वारा उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश करने की मांग की, ताकि संगत सच्चाई जान सके और दोषियों को दंडित कर सके। इस अवसर पर श्री लालपुरा ने विभिन्न मुद्दों को ध्यान पूर्वक सुना और इन मुद्दों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। इकबाल सिंह लालपुरा ने प्रतिनिधिमंडल को केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के लिए चलाई जा रही योजनाओं से अवगत कराते हुए प्रतिनिधिमंडल को सिखों के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वास और स्नेह से अवगत कराया। प्रतिनिधिमंडल में शिअद यूनाइटेड के उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह चहड़ माजरा, भूपिंदर सिंह बजरूड़ रोपड़, एसजीपीसी सदस्य हरदेव सिंह और अमरीक सिंह किला हकीमा के अलावा सुच्चा सिंह बस्सी, करम सिंह माणक माजरा, कपिल देव बावा, लखवीर सिंह लकी और कुलवंत सिंह कलकत्ता शामिल थे।